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ind-vs-eng-2025 3rd test me chala Sir jadeja ka jaadu।


🏏 IND vs ENG 3rd Test 2025: जडेजा, बुमराह और सिराज की जुझारू पारी ने लॉर्ड्स में रचा संघर्ष का इतिहास

India vs England 3rd Test 2025 में जब भारत की हार तय मानी जा रही थी, तब रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की पारी ने मैच को रोमांच से भर दिया। लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर आखिरी विकेट के लिए खेली गई यह साझेदारी क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणा बन गई।

इस मैच के पहले दिन से ही स्थिति भारत के लिए कठिन थी। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 380 रन बनाए। भारतीय गेंदबाजों को शुरूआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान, पिच पर बल्लेबाजी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल थीं, लेकिन भारतीय टीम ने अपनी योजनाओं को सही तरीके से लागू नहीं किया। फिर भी, भारतीय टीम ने अपने अनुभव का उपयोग करते हुए मैच में वापसी करने की कोशिश की।



मैच का संदर्भ: भारत की स्थिति बेहद खराब थी

14 जुलाई 2025 को लॉर्ड्स टेस्ट का आखिरी दिन था। भारत को जीत के लिए 193 रन की जरूरत थी, लेकिन टीम के 9 विकेट पहले ही गिर चुके थे। मैच भारत के हाथ से लगभग निकल चुका था। लेकिन तभी रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने वो कर दिखाया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।


जडेजा की नाबाद पारी बनी भारत की रीढ़

रविंद्र जडेजा ने उस समय बल्लेबाज़ी की जब टीम गहरे संकट में थी। उन्होंने 150 गेंदों में नाबाद 56 रन बनाए। उनकी यह पारी आक्रामक नहीं थी, लेकिन उसमें आत्मबल, धैर्य और खेल भावना झलक रही थी। उन्होंने निचले क्रम के साथ बहुमूल्य साझेदारी निभाई और अंतिम विकेट के लिए 42 रन जोड़े


भारत की स्थिति कैसे बदली, यह जानना दिलचस्प है। जडेजा की पारी ने एक नई उम्मीद जगाई। उनका शांत और संयमित खेल इस बात का प्रमाण था कि दबाव में भी किस प्रकार से खेला जा सकता है। उन्होंने यह दिखाया कि एक खिलाड़ी का खेल उसके अनुभव और मनोबल पर निर्भर करता है।

बुमराह का संघर्ष: गेंदबाज़ नहीं, संकटमोचक

जसप्रीत बुमराह ने सिर्फ 28 गेंदों में 19 रन बनाए, लेकिन उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि उन्होंने जडेजा को स्ट्राइक दी और कई ओवर तक विकेट बचाए रखा। बुमराह की यह पारी एक गेंदबाज़ के लिए असाधारण कही जा सकती है। उनका आत्मविश्वास मैदान पर झलक रहा था।

जडेजा ने अपनी पारी में कई खूबसूरत शॉट्स खेले। उनकी कवर ड्राइव और लेग साइड पर कट शॉट्स खेलने की क्षमता ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही, उनकी तकनीक और रणनीति ने यह साबित किया कि समय पर सही शॉट खेलना कितना महत्वपूर्ण है।


मोहम्मद सिराज की साहसी मौजूदगी

बुमराह ने अपनी गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया। उन्होंने तनाव के बीच एक गेंदबाज की भूमिका को बखूबी निभाया। उनकी गेंदों की गति और स्विंग ने बल्लेबाजों को परेशान किया। वो जब बल्लेबाजी करने आए तो उनकी सोच स्पष्ट थी — विकेट बचाना।

मोहम्मद सिराज आखिरी बल्लेबाज़ थे, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका बखूबी निभाई। उन्होंने 13 गेंदों का सामना किया और एक भी गलती नहीं की। उनकी यह छोटी लेकिन असरदार पारी इस बात की मिसाल थी कि हर रन, हर गेंद और हर साझेदारी मायने रखती है


गेंदबाज़ी में मिला-जुला योगदान

सिराज ने भी अपनी पारी में कुछ महत्वपूर्ण शॉट्स खेले। उनकी बल्लेबाजी ने न केवल स्कोर को बढ़ाया बल्कि जडेजा को भी समर्थन दिया। यह स्पष्ट था कि सिराज ने अपने खेल के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया था, और उन्होंने अपने द्वारा निभाई गई भूमिका को सही तरीके से निभाया।

इस टेस्ट मैच में जडेजा की गेंदबाज़ी ज्यादा प्रभावशाली नहीं रही — उन्हें 1 विकेट मिला। लेकिन बुमराह और सिराज ने पहले और दूसरी पारी में बेहतर गेंदबाज़ी की और इंग्लैंड को कम स्कोर पर रोकने की कोशिश की।इस तरह, भारतीय गेंदबाजों ने अपनी भूमिका को समझा और पहले दिन से लेकर अब तक कई महत्वपूर्ण मोड़ लिए। उनके द्वारा किए गए प्रयासों ने टीम के मनोबल को ऊपर उठाने में मदद की। जडेजा, बुमराह और सिराज की यह साझेदारी वास्तव में एक टीम के रूप में संगठित होने का उदाहरण थी।


निष्कर्ष: हार नहीं, हिम्मत की जीत

इस मैच ने यह सिद्ध कर दिया कि क्रिकेट में हार और जीत के बीच की रेखा कितनी पतली होती है। जडेजा, बुमराह और सिराज की यह साझेदारी आगे आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा बनेगी। यही कारण है कि ये क्षण क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रहेंगे। जब तक आखिरी गेंद नहीं होती, उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहिए। यह मैच भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा, और लॉर्ड्स टेस्ट को एक यादगार घटना के रूप में देखा जाएगा।

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